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ओ प्रभु मैं जीना चाहता हूं, करुणा का जल मैं पीना चाहता हूं
तेरे तेरे हाथों से प्रभु मैं तेरे हाथों से.. ओ प्रभु मैं जीना चाहता हूं
1. अपनो से हूँ मैं मारा, सूना लगे मुझे जग सारा
खुद से लड़कर मैं जंग को, दोनो तरफ से हूँ हारा
प्रीत तेरी में पाना चाहता हूं, – ओ प्रभु मैं जीना……
2. आखरी हैं सांसे अब जान जाए जाने का
आईना देखा टूटा मेरा, बिखरे हुए हैं टुकड़े सब
दिल अपना तुझे देना चाहता हूं- ओ प्रभु मैं जीना……


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By admin

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