प्यासे हैं , प्यास बुझा
चश्मे बहा येशुचश्मे बहा-2
दे सिफ़ा तू बीमारो को , सिफ़ा का तू है दरिया..
प्यासे हैं , प्यास बुझा
चश्मे बहा येशु चश्मे बहा (२)
1)जंगल में जिसने पिलाया , अमृत जल बनके वो आया(२)
अमृत जल्दी पिला सिफ़ा का तू है दरिया
प्यासे हैं , प्यास बुझा
चश्मे बहा एशु चश्मे बहा (२)
(२) जीवन जल का तू ही सोता, बहती नदिया जो तू होता (२)
बहने दें मुझमे मसा , सिफ़ा का तू है दरिया
प्यासे हैं , प्यास बुझा
चश्मे बहा एशु चश्मे बहा (२)
३)ज़ख़्मों को एशु ही भरता , सब रोगों को चंगा करता (२)
वो है ज़िंदा ख़ुदा , सिफ़ा तू है दरिया
प्यासे हैं , प्यास बुझा
चश्मे बहा एशु चश्मे बहा (२)