बोलो जय, मिलकर जय, बोलो जय यीशु की जय,
बोलो जय, मिलकर जय, बोलो जय यीशु की जय,
बोलो जय, जय, जय,। (2)
- नये जन्म की यही रीत, मन में भर दे अपनी प्रीत,
तेरे प्रेम के गाएं गीत। (2) बालो जय…. - क्रूस पर अपना खून बहा, मुझ पापी को दे शिफा,
मन मेरे तू बोल सदा। (2) बोलो जय…. - तेरी कुदरत की यह शान, खुद ही दाता खुद ही दान,
पूरे कर दिल के अरमान। (2) बोलो जय…. - खिदमत अपनी ले मुझसे, इस मंदिर में तू ही बसे,
जग में तेरा नाम रहे। (2) बोले जय….
जो मेरी धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं, उन्हें मैं तृप्त करूँगा । (मती 5:6)