मेरे गीतों का विषय, तू मेरी आराधना, (2)
तेरी महिमा मुझसे होवे, यह मेरी है कामना। (2)
मेरे गीतों का विषय।
- तुझको मैंने मेरे प्रभु जी, जब से पाया है
तेरे अनोखे प्रेम के आगे शीश झुकाया है (2)
तेरी महिमा गाने को जो साज उठाया है,
गीत नया जीवन में, मेरे तब से आया है (2)
जीवन का हर पल अब तेरा, (2) तू ही मुझको थामना।
तेरी महिमा मुझसे होवे। - तेरा वचन जो राहों में मेरी दीप सा जलता है,
मेरे जीवन का हर पहलू, उसमें ढलता है, (2)
तेरे वचन के द्वारा मुझको साहस मिलता है,
वह तो कभी न भटकेगा जो उस पर चलता है (2)
तेरे वचन को थामे रहूं, (2) हो मेरी यह साधना। - वक्त चुनौती देकर पूछे, तुझसे बारम्बार,
यीशु मसीह को बनाया तूने, जीवन का आधार (2)
सोचना होगा हर प्राणी को, क्या वह है तैयार,
देखो शायद कल न आए, करना न इन्कार, (2)
एक दिन करना होगा, (2) सबको उसका सामना
तेरी महिमा मुझसे होवे।
भोर के समय जब तू पुकारे तब मैं तेरी वाणी सुनूंगा । (भजन 5:3)