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प्रभु का दर्शन (2) पाके भाई लग जा सेवा में।

  1. भारतवर्श बुलावे तुझको, आ बचा मुझको,
    आत्माएँ मरतीं (2) देखो हजारों पाप के सागर में।
  2. क्रूस पर अपनी जान प्रभु ने जग के लिए दी,
    जगह है देखो (2) हिन्द के लिए उसके हृदय में।
  3. बैठे-बैठे साल गंवाए नवजवानी के,
    अभी भी कर ले (2) प्रभु की सेवा बाकी जीवन में।
  4. चारों ओर अन्धेरा छाया, रात अब आ पहुँची,
    जो कुछ है करना (2) अभी तू कर ले दिन की ज्योति में।
  5. प्रभु के लिए आत्मा बचाने में तू जल्दी कर,
    फसल है पक्की (2) पूले जमा कर उसके खत्ते में।

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