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प्रभु यीशु के चरणों से भटक कर मैं कहाँ जाऊं। (2)

  1. मैं हर्षित मन से आता हूँ, हृदय की भेंट लाता हूँ (2)
    बीते दिनों में हे प्रभु (2) तूने मुझको सम्भाला है।
  2. अनुग्रह का वचन देकर प्रभु तू ही ले आया है, (2)
    संकट क्लेश में साथी बनकर (2) प्रभु तू ही ले आया है।
  3. अनुग्रह के सिंहासन से, बिनती प्रभु मेरी सुन ले, (2)
    हर एक घड़ी, और हर एक पल में (2) प्रभू भय मानूं तेरा मैं,
  4. प्रभु यीशु मैं आता हूँ जीवन अर्पण मैं करता हूँ (2)
    मेरे जीवन से हे प्रभु (2) सेवा अपनी करा ले तू।

तुम्हारे मांगने से पहले ही मैं जानता हूँ कि तुम्हें किस बात की आवश्यकता है । (मत्ती 6:8)


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