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तेरे सन्मुख शीश नवाते, हे जग के करतार,
डूबें हुओं को दे दो सहारा, कर दो बेड़ा पार (2)

  1. पाप के बादल सर पर छाये, घिरा हुआ तूफान,
    तुम बिन नैय्या कौन सम्भाले, मेरे प्रभु महान,
    आ के बचालो प्राण हमारे, जग के खेवनहार (2)
    तेरे सम्मुख…….
  2. जन्म के अंधों को दी आँखें, रोगी लिए बचाए,
    पाप क्षमा किए सब पापिन के, मुर्दें दिए जिलाए,
    पापी हृदय हम भी लाये, धो दो तारणहार (2)
    तेरे सम्मुख…….
  3. सुन्दर पक्षी, पर्वत सागर, सबके सृजनहार,
    आ के विराजो मन मंदिर में बन्दें करंे पुकार,
    व्याकुल हृदय तुझको पुकारे, आजा पालनहार (2)
    तेरे सम्मुख……

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By admin

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