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तुम प्यारे प्रभु की सेवा में, अपने को दान करो,
तुम हो प्रभु की पवित्र प्रजा, उसकी तुम सेवा करो।

  1. अन्धकार से जीवन में, वह रोशनी ले आया,
    उस रोशनी में हमने, एक मार्ग नया पाया
    जीवन तुम्हारा उसके लिए, जीवन बलिदान करो (2)
  2. कल तुम जो भटकते थे, अंजान सी राहों में,
    वह तुमको बचा लाया, अपनी प्यार की बाहों में,
    प्यार उसका है कितना अद्भुत, उसको तुम याद करो (2)
  3. है याद तुम्हें प्यारो, तुम जन्में पापों में,
    पापों की माफी दे दी, उसके पवित्र लहू से,
    अब मन तो प्रभु का मंदिर है, नित्य उसका ध्यान करो (2)
  4. सेवा जो करे उसकी, फल पायेगा वह अन्त में,
    यह कैसा बड़ा मान है, न औरों ने पाया है,
    आभारी होकर चरणों में, उसकी बड़ाई करो (2)

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