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रब्ब की होवे सना हमेशा, रब्ब की होवे सना हमेशा (2)

  1. रब्ब की होवे मदह सराई (2) उसके नाम की सना (2)
  2. रब्ब के घर में होवे सिताइश (2) उसकी हम्द-ओ-सना।
  3. कामों में है वह कैसा कादिर (2) उसकी कुदरत बता।
  4. जय के जोर से फूंको नरसिंगे (2) बर्बत-वीणा बजा।
  5. तारदार साजों पे रागिनी छेड़ो (2) डफ और तबले बजा।
  6. बांसुरी पर सुना सुरें सुरीली (2) झन-झन झांझ बजा।
  7. सारे मिलकर ताली बजाओ (2) गाओ रब्ब की सना।

यदि तुम अपना घर प्रेम में बनाओगे, तो मैं तुम में रहूँगा और तुम मुझ में । (1 युहन्ना 4:16)


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