द्रौपदी मुर्मू 2022 में राष्ट्रपति चुनाव जीतकर भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बन गई हैं। जो उनके जीवन की सबसे उप लब्धि है 21 जुलाई 2022 को चुनाव परिनाम के अनुसार वो चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बन गई हैं। मुर्मू जल्द ही भारत की राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगी। द्रौपदी ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत में पार्षद चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। उन्होंने भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में काम किया है। इसके साथ ही वह भाजपा के आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रह चुकी हैं।
द्रौपदी मुर्मू से जुड़ी रोचक तथ्य
ओडिशा के जनजाति-बहुल जिले मयूरभंज के एक सुदूर गांव में एक जनजातीय परिवार में जन्मी द्रौपदी राजनीति में आने से पहले एक सामान्य क्लर्क और शिक्षिका के रूप में कार्य कर चुकी है
द्रौपदी मुर्मू झारखंड राज्य के राज्यपाल का पद संभालने वाली पहली महिला हैं ।
वे किसी भी भारतीय राज्य की पूर्णकालिक राज्यपाल बनने वाली पहली जनजातीय महिला भी हैं
द्रोपदी मुर्मू राजनीतिक जीवन
- 2000 से 2004 तक ओडिशा सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में ट्रांसपोर्ट एवं वाणिज्य विभाग संभाला।
- 2002 से 2004 तक ओडिशा सरकार के राज्यमंत्री के रूप में पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग को संभाला।
- 2002 से 2009 तक भाजपा के एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रही।
- 2006 से 2009 तक भाजपा के एसटी मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रही।
- 2013 से अप्रैल 2015 तक एसटी मोर्चा, भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रही।
- 2015 से 2021 तक झारखंड की माननीय राज्यपाल रही।
इसको भी जाने ( इनकी लगभग कुल संपत्ति जो की )
शुद्ध संपत्ति₹4.8 LAKHS