II Share This Post, कृपया इस पोस्ट को दुसरो को शेयर जरुर करे II

Rate this post

नाव मेरी भंवर में पड़ी है, पार कोई करैया नहीं है।
एक तुम्हीं हो प्रभु जी किनारा, और कोई हमारा नहीं है।

  1. आँधी तूफानों ने आके घेरा, बिजलियाँ चमकीं पानी बरसता
    नैय्या मेरी अभी डूबती है, तुम बिन कोई सहारा नहीं है। नाव मेरी..
  2. स्वामी-स्वामी हमें अब बचाओ, आँधी तूफान पानी को थामो।
    नाश हम सब हुए जा रहे हैं, तुम बिन कोई बचैया नहीं है। नाव मेरी..
  3. उठकर आँधी और तूफान को रोका, शान्त होने पर चेलों से बोला।
    लाओगे कब तक संदेह तुम सब, कहाँ विश्वास है अब तुम्हारा। नाव मेरी
  4. आयेंगे जीवन में यों झकोरे, नहीं डरना संग यीशु है तेरे,
    पुकार वही तुम्हारी सुनेगा, और कोई सुनैया नहीं है। नाव मेरी….

मैं अपने सब कार्यों में धर्मीं और दयावान हूँ।

(भजन 145:17)


II Share This Post, कृपया इस पोस्ट को दुसरो को शेयर जरुर करे II

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!