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जंजीरों को तोड़ता है, तूफां के रूख मोड़ता है। यीषु 2
रिष्ता हमसे जोड़ता है, और न तनहा छोड़ता है। यीषु 2

  1. जब मैं दुआ में तुझको बुलाऊं,तुझको बुलाऊं, पास अपने पाऊँ 2
    बन्धन सारे तोड़ता है, ये रब से हमको जोड़ता है। यीशु 2
  2. रूह में बसा है, जाँ में बसा है-2, उसकी सच्चाई जग में सदा
    रूह की बातें बोलता है, राज वो गहरे खोलता है। यीशु 2
  3. नाम यीशु का जिसने पुकारा, पाया किनारा-किनारा,
    पकड़े फिर न छोड़ता है, टूटे दिल को जोड़ता है, यीशु 2

मैंने तुम पर मसीह में अनुग्रह पर अनुग्रह किया है । (युहन्ना 1:16)


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