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मुश्किलें कितनी भी हो असम्भव कुछ भी नही
राह कितने भी हो कठिन मंजिल एक दिन आयेगी

  1. कारावास या शेरों की माँद, न रोक सके प्रभु का हाथ
    हुकूँमत की साजिशे न रोक सकी आशीषें-2
    मुश्किले कितनी भी……
  2. ये पहाड़ ऊखड़ जायेगे, समुन्द्र में पड़ जायेगे
    विश्वास यदि हो अटल, जो कहोगे वह होगा सफल-2
    मुश्किले कितनी भी……
  3. विश्वास से जो बोलोगे, आँखों से वही देखोगे
    विश्वास का हर वचन, पूरा होगा टलेगा नही-2
    मुश्किले कितनी भी……

मैं तुम्हें बनाऊंगा, बिगाडूँगा नहीं । (यिर्मियाह 24:6)


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