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मेरे जीवन का मकसद तू है
मेरे जीने का कारण तू है-2
मैं जियूँ या मरूँ, वो तेरे लिए है
तू मेरा प्रभु……मेरे जीवन का………

  1. पिछला सब भूलकर, मैं आगे दौड़ा चलूँ
    जो मेरे लिए धन था, उसको मैं त्याग दूँ,
    कि मैं पाऊँ उससे पुरुष्कार, दौड़ा मैं जाऊँ,
    मैं जियूँ या मरूँ …………….
  2. मुझ पर हुई है कृपा, बेकार न जाने दूँ
    जिसने मुझे है चुना, उसकी ओर मैं बढूँ
    देखूं तेरे सलीब पर, खींचा मैं जाऊँ-2
    मैं जियूँ या मरूँ…………….

वह मुझे घात करेगा, तौभी मैं उस पर विश्वास रखुंगा… अय्यूब 13:15


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