रंग लिया मोहे रंग लिया-2,
मोहे अपने लहू से रंग लिया यीषु ने,
दिया अपना मसा, दिया अपना जहंन,
मुझे अपना रूप दिया…..
- दिया जीने का रंग, रूहे पाक किया संग,
चैपान बना वो,
एक अजब ये खुशी, एक अनोखा मजा,
दिल जान बना वो,
संग लिया मोहे संग लिया-2
मोहे संग लिया यीशु ने। रंग लिया…… - वो ही प्यार का रूप, चाहे छाँव हो या धूप
यीशु है खुदा,
वो ही देता है फल, उसमें नहीं है छल,
यीशु है नफा आ……..आ……..आ…..
माँग लिया मोहे माँग लिया-2
मोहे माँग लिया यीशु ने। रंग लिया….. - अब जीना मसीह और मरना नफा,
जपता हूँ यही,
यीशु के बिना जीना क्या जीना
कहता हूँ यही ई……ई…..ई……
संग लिया, मोहे संग लिया-2
मोहे संग लिया यीशु ने। रंग लिया….
सो विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है। रोमियो 10:17