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रंग लिया मोहे रंग लिया-2,
मोहे अपने लहू से रंग लिया यीषु ने,
दिया अपना मसा, दिया अपना जहंन,
मुझे अपना रूप दिया…..

  1. दिया जीने का रंग, रूहे पाक किया संग,
    चैपान बना वो,
    एक अजब ये खुशी, एक अनोखा मजा,
    दिल जान बना वो,
    संग लिया मोहे संग लिया-2
    मोहे संग लिया यीशु ने। रंग लिया……
  2. वो ही प्यार का रूप, चाहे छाँव हो या धूप
    यीशु है खुदा,
    वो ही देता है फल, उसमें नहीं है छल,
    यीशु है नफा आ……..आ……..आ…..
    माँग लिया मोहे माँग लिया-2
    मोहे माँग लिया यीशु ने। रंग लिया…..
  3. अब जीना मसीह और मरना नफा,
    जपता हूँ यही,
    यीशु के बिना जीना क्या जीना
    कहता हूँ यही ई……ई…..ई……
    संग लिया, मोहे संग लिया-2
    मोहे संग लिया यीशु ने। रंग लिया….

सो विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है। रोमियो 10:17


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