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महफिल मसीहा की शान भी मसीहा की,
ये महफिल सजाने आये हैं हम,
मसीहा से मिलेंगे, मसीहा से कहेंगे,
तेरे गीत गाने आये हम…….महफिल……….

  1. मसा की फरमानी की, उकाबों सी जवानी की
    शिफा की अफगानी की हमें आरजू
    मसा से भर जायेंगे, हवा में उड़ जायेंगे
    तेरे रूह से भरने आये है हम…महफिल………
  2. मसीहा ही सहारा है, मसीहा जाँ से प्यारा है,
    गुनाहों का गफारा है, जिन्दा खुदा,
    मीठी-मीठी जिन्दगी, रूह की ताजगी,
    नई ज्योति देने आए हैं हम…महफिल……….
  3. नज़र है मसीहा पर, फक्र है मसीहा पर,
    ईमान है मसीहा पर, मसीहा तू आ,
    है दुल्हन मुल्तजर, नजर अफलाद पर,
    नकारे को सुनाने आए है हम….महफिल…..
    मसीहा मेरा जीवन है, मसीहा मेरी दौलत है,
    मसीहा मेरी इज्जत है, जिन्दा खुदा ……………..

निदान, प्रभु में और उस की शक्ति में बलवन्‍त बनो। इफिसियों 6:10


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