आपको किसने बनाया?
मसीही गीतों की सूचि के लिए पढ़े —-गीत माला – JESUS LIFE
आपको परमेष्वर ने बनाया है, उत्पत्ति 1ः26-27 फिर परमेष्वर ने कहा, हम मनुश्य को अपने स्वरूप के अनुसार और अपनी समानता में बनाएं, और वे समुद्र की मछलियों, और आकाष के पक्षियों और घरेलू पशुओं और सारी पृथ्वी पर, और सब रेगने वाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेगते हैं, अधिकार रखें। तब परमेष्वर ने मनुश्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेष्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके उसने मनुश्यों की सृश्टि की।
भजन संहिता 115ः16 स्वर्ग तो यहोवा का है, परन्तु पृथ्वी उसने मनुश्यों को दी है।
भजन संहिता 8ः6 तूने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है, तूने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है।
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उत्पत्ति 3ः1-7 यहोवा परमेष्वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था, और उसने स्त्री से कहा, क्या सच है, कि परमेष्वर ने कहा, कि तुम इस बाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना?
स्त्री ने सर्प से कहा, इस बाटिा के वृक्षों के फल हम खा सकते हैं। पर जो वृक्ष बाटिका के बीच में है, उसके फल के विशय में परमेष्वर ने कहा है कि न तो तुम उसको खाना और न उसको छूना, नहीं तो मर जाओगे।
तब सर्प ने स्त्री से कहा, तुम निष्चय न मरोगे, वरन परमेष्वर आप जानता है, कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आंखे खुल जाएगाी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेष्वर के तुल्य हो जाओगे।
अतः जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने के लिए अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिए चाहने योग्य भी है तब उसने उसमें से तोड़कर खाया और अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया तब उन दोनों की आंखे खुल गई, और उनको मालुम हुआ कि वे नंगे हैं इसलिये उन्होंने अंजीर के पत्ते जोड़ जोड़ कर लंगोट बना लिये।
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रोमियों 6ः16 क्या तुम नहीं जानते कि जिसकी आज्ञा मानने के लिए तुम अपने आपको दासों के समान सौंप देते हो उसी के दास हो चाहे पाप के जिसका अंत मृत्यु है चाहे आज्ञाकारिता के जिसका अंत धार्मिकता है।
1यूहन्ना 3ः8 जो कोई पाप करता है, वह षैतान की ओर से है, क्योंकि षैतान आरम्भ ही से पाप करता आया है परमेष्वर का पुत्र इसलिये प्रगट हुआ कि षैतान के कामों को नाष करे।
इब्रानियों 2ः14-15 इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया, ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर षक्ति मिली थी, अर्थात षैतान को निकम्मा कर दे। और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्व में फसे थे, उन्हें छुड़ा ले।
भजन संहिता 18ः1-3 हे परमेष्वर, हे मेरे बल, मैं तुझसे प्रेम करता हूं। यहोवा मेरी चटटान और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है, मेरा ईष्वर मेरी चट्टान है, जिसका मैं षरणागत हूं, वह मेरी ढाल और मेरी मुक्ति का सींग और मेरा ऊंचा गढ़ है। मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा, इस प्रकार मैं अपने षत्रुओं से बचाया जाऊंगा।
विश्वास में बढ़ना मरकुस 11ः20-24 फिर भोर को जब वे उधर से जाते थे तो उन्होंने उस अंजीर के पेड़ को जड़ से सूखा हुआ देखा। पतरस को वह बात स्मरण आई और उसने उससे कहा, हे रब्बी देख यह अंजीर का पेड़ जिसे तूने स्राप दिया था सूख गया है। यीषु ने उसको उत्तर दिया ‘‘परमेष्वर पर विष्वास रखो’’ मैं तुमसे सच कहता हूं कि जो कोई इस पहाड़ से कहे तू उखड़ जा और समुद्र में जा पड़ और अपने मन में सन्देह न करे, वरन प्रतीति कर ले कि जो कहता हूं वह हो जाएगा उसके लिए वही होगा। इस लिए मैं तुमसे कहता हूं कि जो कुछ तुम प्रार्थना करके मांगो तो प्रतीति कर लो कि तुम्हे मिल गया और तुम्हारे लिए हो जाएगा।
इफिसियों 5ः8 मैं पहले अंधकार था परन्तु अब प्रभु में मैं ज्योति हूं इस लिए मैं ज्योति की संतान के समान चलता हूं।
इफिसियों 6ः10 मैं प्रभु में और उसकी सामर्थ के प्रभाव में बलवंत हूं।
आप परमेष्वर के द्वारा आषीशित हो सकते हैं?
उत्पत्ति 12ः2 और तुझसे एक बडा जाति बनाऊंगा, और तुझे आषीश दूंगा, और तेरा नाम बड़ा करूंगा, और तू आषीश का मूल होगा।
उत्पत्ति 39ः5 और जब से उसने उसको अपने घर का और अपनी सारी सम्पत्ति का अधिकारी बनाया, तब से यहोवा यूसुफ के कारण उस मिस्री के घर पर आषीश देने लगा, और क्या घर में क्या मैंदान में उसका जो कुछ था, सब पर यहोवा की आषीश होने लगी।
इफिसियों 1ः3 हमारे प्रभु यीषु मसीह के परमेष्वर पिता का धन्यवाद हो, कि उसने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आषीश दी है।
‘‘रविवार 03 जुलाई सन् 2022’’
मनन का विशय: चिंता की षुरूआत विष्वास का अंत है और,
विष्वास की षुरूआत चिता का अंत है।
लूका 22ः35 और उसने उनसे कहा, कि जब मैंने तुम्हें बटुए, और झोली, और जूते बिना भेजा था, तो क्या तुमको किसी वस्तु की घटी हुई थी? उन्होंने कहा, किसी वस्तु की नही।
लूका 17ः32 लूत की पत्नी को स्मरण रखो।
उत्पत्ति 19ः26 लूत की पत्नी ने जो उसके पीछे थी दृश्टि फेर के पीछे की ओर देखा, और वह नमक का खम्भा बन गई।
लूका 9ः62 यीषु ने उससे कहा, जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछे देखता है, वह परमेष्वर के राज्य के योग्य नहीं है।
मत्ती 25ः21 उसके स्वामी ने उससे कहा, धन्य हे अच्छे और विष्वासयोग्य दास, तू थोडे़ में विष्वास योग्य रहा, मैं तुम्हें बहुत वस्तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्वामी के आनन्द में सहभागी हो।
मत्ती 25 उसके स्वामी ने उससे कहा, धन्य हे अच्छे और विष्वासयोग्य दास, तू थोडे़ में विष्वास योग्य रहा, मैं तुम्हें बहुत वस्तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्वामी के आनन्द में सहभागी हो।
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निर्गमन 20ः9-11 छः दिन तो तू परिश्रम करके अपना सब काम काज करना, परन्तु सातवां दिन तेरे परमेष्वर यहोवा के लिए विश्रामदिन है। उसमें न तो तू किसी भांति का काम काज करना, और न तेरा बेटा, न तेरी बेटी न तेरा दास, न तेरी दासी, न तेरे पशु, न कोई परदेषी जो तेरे फाटकों के भीतर हो। क्योंकि छः दिन में यहोवा ने आकाष, पृथ्वी और समुद्र, और जो कुछ उनमें हैं, सबको बनाया, और सातवे दिन विश्राम किया, इस कारण यहोवा ने विश्राम दिन को आषीश दी और उसको पवित्र ठहराया।
निर्गमन 16ः16, 25-27 जो आज्ञा यहोवा ने दी है वह यह है, तुम उसमें से अपनी आवष्यकता के अनुसार खाने के बटोरा करना, अर्थात अपने अपने प्राणियों की गिनती के अनुसार प्रति मनुश्य के पीछे एक एक ओमेर बटोरना, जिसके डेरे में जितने हों वह उन्हीं के लिए बटोरा करे। ……‘‘कोई इसमें से कुछ सबेरे तक रख न छोडे।’’ तौभी उन्होंने मूसा की बात न मानी उनमें से कुछ सबेरे तक रख छो़ड़ा तो उसमें कीडे पड गए और वह बसाने लगा।
- तौभी लोगों में से कोई कोई सातवे दिन भी बटोरने के लिए बाहर गए परन्तु उनको कुछ न मिला।
लैव्यवस्था 27ः30 ‘‘फिर भूमि की उपज का सारा दषमांष, चाहे वह भूमि का बीज हो चाहे वृक्ष का फल, वह यहोवा ही का है, वह यहोवा के लिए पवित्र ठहरे।
मत्ती 23ः23 ‘‘हे कपटी षास्त्रियों और फरीसियों, तुम पर हाय़! तुम पुदीने, और सौफ, और जीरे का दसवां अंष तो देते हो, परन्तु तुमने व्यवस्था की गम्भीर बातों को अर्थात न्याय, और दया, और विष्वास को छोड दिया है, चाहिए था कि इन्हें भी करते रहते और उन्हें भी न छोडतें।
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लैव्यवस्था 26ः3-6 यदि तुम मेरी विधियों पर चलो और मेरी आज्ञाओं को मानकर उनका पालन करो, तो मैं तुम्हारे लिये समय समय पर मेंह बरसाऊँगा, तथा भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और मैदान के वृक्ष अपने अपने फल दिया करेंगे। यहां तक कि तुख तोडने के समय भी दावनी करते रहोगे, और बोने के समय भी भर पेट दाख तोडते रहोगे, और मनमानी रोटी खाया करोगे, और अपने देष में निष्चित बचे रहोगे।
और मैं तुम्हारे देष में चैन दूंगा, और तुम सोओगे, और तुम्हारा कोई डराने वाला न होगा।
रोमियों 12ः12 …….प्रार्थना में नित्य लगे रहो।
1थिस्सलुनीकियों 5ः12 निरन्तर प्रार्थना में लगे रहो।
इब्रानियों 5ः7 यीषु अपनी देह में रहने के दिनों में ऊँचे षब्द से पुकार पुकार कर आंसू बहा बहा कर उससे जो उसको मृत्यु से बचा सकता था प्रार्थनाएं और विनती की।
इसमें निजी प्रार्थनाएं, पारिवारिक सामाजिक, सार्वजनिक आदि प्रार्थनाएं सम्मिलित कर सकते हैं।
दान वरदानों का उपयोग न करना रोमियों 12ः12…हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं तो जिसको भविश्यवाणी का दान मिला हो, वह विष्वास के परिमाण के अनुसार भविश्यवाणी करे, यदि सेवा करने का दान मिला हो तो सेवा में लगा रहे, यदि सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे, दान देने वाला उदारता से दे, जो अगुवाई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे वह हर्श से करे।
यदि हम विष्वास योग्य हैं तो उत्पत्ति 2ः15 में परमेष्वर की प्रतिज्ञा है कि मैं तेरे संग रहूंगा, और जहां कहीं तू जाए वहां तेरी रक्षा करूंगा, और तुझे इस देष में लौटा ले आऊंगा, मैं अपने कहे हुए को जब तक पूरा न कर लूं तब तक तुझको न छोडूगा।
यषायाह 65ः21-22 वे घर बनाकर उनमें बसेंगे, वे दाख की बारियां लगाकर उनका फल खाएंगे। ऐसा नहीं होगा कि वे बनाएं और दूसरा बसे, वा वे लगाएं और दूसरा खाए, क्योंकि मेरी प्रजा की आयु वृक्ष़्ाों की सी होगी, और मेरे चुने हुए अपने कामों का पूरा लाभ उठाएंगे।
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