दीपक हैं हम तेरे प्रभु, हम ज्योति जलायेंगे,
आँधियारे को दूर भगा, उजियाला लायेंगे।
- विनती हमारी तुझसे है, प्रभु बचा हमारे प्राण,
आये शरण हम तेरे, मुक्ति दे दो महान,
तेरे क्रूस को देखकर, हम शीश झुकायेंगे… - नील गगन के नीचे, सुनी थी ये सबने आवाज,
आयेगा वो प्यारा यीशु, बादलों के साथ,
तेरे नूर को हम देखेंगे, अपने शीश नवायेंगे, - मुक्ति मिलेगी तुमको प्यारों, आओ यीशु के पास,
उसको बना लो अपना प्यारा, होगे तुम न उदास,
अरमान हमारा है यही, हम साथ में जायेंगे…….
धर्मी पेट भर खाते पाता है, परन्तु दुष्ट भूखे ही रहते हैं। नीतिवचन 13:25