तेरे लहू से पाप धोता हूँ (2)
तू बढ़ता जा मैं कम होता हूँ (2)
तेरा ही नाम सबसे अच्छा है, अपनी खुदी से हाथ धोता हूँ, (2)
तू बढ़ता जा मैं कम होता हूँ (2)…..
- तेरा लहू है मेल का पैगाम, तेरे लहू से सब चैन आराम,
तेरे लहू से सब बने बिगडे़ काम, खुद को लहू में डुबोता हूँ (2)
तू बढ़ता जा मैं कम होता हूँ (2)….. - तेरा कलाम जीवन की रोटी, तेरा कलाम राहों की ज्योति,
तेरा कलाम है असीम मोती, दिल की माला मैं पिरोता हूँ,
तू बढ़ता जा मैं कम होता हूँ (2)…..
जागते रहो, विश्वास में स्थिर रहो, पुरूषार्थ करो, बलवन्त होओ। 1 कुरिन्थियों 16:13