प्रभु मेरे मन मंदिर से, कभी दूर न जाना तुम-2
तुम बिन मर जाऊँगा, मुझे पार लगाना तुम,
- इस माटी के बर्तन को तुमने सवाँरा है,
सबने छोड़ा लेकिन तुमने दिया सहारा है,
इस माटी के बर्तन को कभी छोड़ न जाना तुम.. - इतनी बड़ी दुनिया छोड़ी मेरे दिल में बसे हो तुम-2
ऊँच-नीच न करते कितने अच्छे हो तुम,
तुम तो बसे हो रग-रग में मुझे पार लगाना तुम….. - तुम हो ज्योर्तिमय सनातन, सदा से परमेश्वर,
करते हो रक्षा दिखाते कृपा भक्तों पर,
मुझ पापी से प्रीत हमेशा प्रभु निभाना तुम
मुझ पापी से प्रीति निभाना तुम………….
यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी। भजन संहिता 23:1