प्रभु तेरे चरणों में, अरदास हमारी है,
क्या भेट करूँ तुमको, हर वस्तु तुम्हारी है।
- हम तेरे ही गंुण गायें, प्रभु तेरे ही मन भायें,
तू याद रहे हरदम, तेरी संगति में आयें,
हर समय करूँ सुमिरन…2, हर स्वाँस तुम्हारी है..क्या….. - तन, मन, धन के दाता, तेरी विनती सदा करूँ,
तेरे वचनों को सुनकर, तेरा ही ध्यान धरूँ,
अभिमान न करूँ, ये अरज हमारी है…. क्या….. - विश्वास तुम्हारा हो, प्रभु जी इस तन मन में,
सबको भरपूर करो, दो खैर ये दामन में,
प्रभु जी तेरा हर प्रेमी, चरणों का पुजारी है…क्या….. - इस पापी मनवा से, प्रभु जो भी भजन करूँ,
उद्धार प्रभू दे दो, मैं शत्-शत् नमन करूँ,
हृदय की भेंट करूँ, फिर मरजी तुम्हारी है..क्या…..
और जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्वास से मांगोगे वह सब तुम को मिलेगा। मत्ती 21:22