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मैं आँखें अपनी पर्वत की ओर लगाऊँगा,
मुझको है पता सहायता वही से पाऊँगा,
नीचे धरती, ऊपर आसमान बनाया है,
परमेष्वर है वह उसके गुण गाऊँगा-2
मैं अपनी आँखें…………………..

  1. फिसले न कभी कदम राहों में,
    इसलिए न सोता दिन रातों में-2
    इस्राएल का वह है रखवाला,
    ऊंघेगा न सोयेगा………………….2
    मैं अपनी आँखें………………….
  2. कष्टों से यीशु मुझे बचायेगा,
    रक्षक बनकर प्राण सम्भालेगा-2
    बाहर जाओ या अन्दर आओ,
    वही हमेशा रक्षक होगा…..2
    मैं अपनी आँखें………………

मैं तो निरन्तर आशा लगाए रहूंगा, और तेरी स्तुति अधिक अधिक करता जाऊंगा। भजन संहिता 71:14


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