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प्रार्थना में जो कुछ माँगा, पूरा करो अरमान।
सारी खताएं मानता हूँ, तेरा करूं अब ध्यान।

  1. दिल में धीमी आवाज आयी, अपने गुनाहों को मान,
    जान लिया मैंने आवाज उसकी, जिसका किया अपमान,
    सारी खताएं मानता हूँ…………………………………
  2. ईमान लाए जो तुझपे मसीहा, आये हैं तुम्हारे पास,
    माफ करो अब पाप हमारे, कर दो लहू से साफ,
    सारी खताएं मानता हूँ…………………………………

मेरे मुंह से तेरे गुणानुवाद, और दिन भर तेरी शोभा का वर्णन बहुत हुआ करे। भजन संहिता 71:8


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