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Girte Ko Uthata Hai गिरते को उठाता है Gautam Kumar

गिरते को उठाता है, सीने से लगाता है
जब साथ कोई न दे, वो साथ निभाता है
भला वो कौन है ? वह मेरा यीशु है……….

  1. हर बीमार दुःखी जो उसके दर पे आता है
    अपने सारे रोगों से आराम वो पाता है
    अन्धों को आँखें दे, लंगड़ों को चलाता है……
  2. सबके रोग फिकर और चिंता दूर वो करता है
    दिल के हर विराने में, खुशियाँ वो भरता है
    देता है नया जीवन, मुर्दों को जिलाता है…….
  3. सब पापों को माफ करे, कितना ही भला है वो
    सबके लिये सूली पे चढ़ा, काँटों पे चला है वो
    धोता है लहू से वो, अमृत वो पिलाता है……….

अपना कान मेरी ओर लगाकर तुरन्त मुझे छुड़ा ले! भजन संहिता 31:2


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