परम पिता की हम स्तुति गांए,
वही है जो बचाता हमें, सारे पापों को करता क्षमा,
सारे रोगों को करता चंगा। परम पिता……………..
- धन्यवाद दे उसके आसनों में, आनन्द से आएं उसके चरणों में (2)
संगीत गाकर खुशी से, मुक्ति चट्टान को जय ललकारें।
परम पिता…………… - वही हमारा है परम पिता, तरस खाता है सर्वसदा (2)
पूरब से पश्चिम है जितनी दूर, उतनी ही दूर किए हमारे गुनाह।
परम पिता…………… - माँ की तरह उसने दी तसल्ली, दुनिया के खतरों में छोड़ा नहीं (2)
निर्मल दूध वचन का दिया, और दिया हमको अनंत जीवन।
परम पिता……………………… - चरवाहे की मानिन्द ढंूढ़ा उसने, पापों की कीच से निकाला हमें (2)
हमको बचाने को जान अपनी दी, ताकि हाथ में हम उसके रहें।
परम पिता…………… - घोंसले को बार बार तोड़कर उसने,
चाहा कि सीखें हम उड़ना उससे (2)
परों पर उठाया उकाब की तरह, ताकि हमको चोट न लगे।
परम पिता……………