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परम पिता की हम स्तुति गांए,
वही है जो बचाता हमें, सारे पापों को करता क्षमा,
सारे रोगों को करता चंगा। परम पिता……………..

  1. धन्यवाद दे उसके आसनों में, आनन्द से आएं उसके चरणों में (2)
    संगीत गाकर खुशी से, मुक्ति चट्टान को जय ललकारें।
    परम पिता……………
  2. वही हमारा है परम पिता, तरस खाता है सर्वसदा (2)
    पूरब से पश्चिम है जितनी दूर, उतनी ही दूर किए हमारे गुनाह।
    परम पिता……………
  3. माँ की तरह उसने दी तसल्ली, दुनिया के खतरों में छोड़ा नहीं (2)
    निर्मल दूध वचन का दिया, और दिया हमको अनंत जीवन।
    परम पिता………………………
  4. चरवाहे की मानिन्द ढंूढ़ा उसने, पापों की कीच से निकाला हमें (2)
    हमको बचाने को जान अपनी दी, ताकि हाथ में हम उसके रहें।
    परम पिता……………
  5. घोंसले को बार बार तोड़कर उसने,
    चाहा कि सीखें हम उड़ना उससे (2)
    परों पर उठाया उकाब की तरह, ताकि हमको चोट न लगे।
    परम पिता……………

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By admin

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