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AADI AUR ANT TU HI HAI (आदि और अन्त तू ही है)

1- आदि और अन्त तू ही हैए अल्फ़ा और ओमेगा तू ही है

दूतों की स्तुति तू ही है बुद्धि और सब ज्ञान तू ही है

यीशु तू महान है महान है यीशु तू सच्चा हैए सच्चा है

यीशु तू ज़िन्दा हैए ज़िन्दा है यीशु तू धन्य हैए धन्य है

दूतों की स्तुति भी तू ही हैए बुद्धि और सब ज्ञान तू ही हैए

राजाओं का राजा तू ही है प्रभुओं का प्रभु तू ही है

2- जीवन मेरा पापों से भरा जग अंधेरा और अशुद्ध सारा

मेरे पापों से बचाने को मेरे लिए जीवन दिया है

3- सारे गुनाहगारों के लिए अपना खून बहाया उसने

खाई कोड़ों की मार भी दी सलीब पर उसने अपनी जान

4- न्याय करने आनेवाला है न्याय के साथ राज करने को

धर्मियों को लेकर न्याय से सिंहासन पर राज करेगा



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By admin

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